Basu Chatterjee Death : 70-80 दशक की हिंदी फिल्मों की मशाल “बासु दा” का निधन
Fast Footer || माध्यम वर्गीय परिवारिक फिल्मों के निर्माता 70 और 80 के दशक के हिंदी सिनेमा के मशाल वाहक फिल्मकार बासु चटर्जी का गुरुवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे और उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
Basu Chatterjee “वह सुबह नींद में शांति से गुजर गया” – अशोक पंडित
उनकी मृत्यु की खबर twitter अकाउंट पर घोषणा करते हुए भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ (IFTDA) के अध्यक्ष अशोक पंडित बोले “वह सुबह नींद में शांति से गुजर गया”।आपको बता दें, वृद्धावस्था के कारण उनका स्वास्थ्य कुछ समय से ठीक नहीं था और उनका निधन उनके निवास पर ही हुआ।

Basu Chatterjee की मृत्यु हिंदी फिल्म जगत की भारी हानि- अशोक पंडित
चटर्जी के बारे में बताते हुए अशोक पंडित ने कहा, हृषिकेश मुखर्जी के साथ, हल्के-फुल्के, मध्यम वर्ग, परिवार के नाटकों के वो शीर्ष पर थे, उनकी फ़िल्में मुख्यधारा के एंग्री यंग मैन फिल्मों के समानांतर कथा के रूप में सामने आईं। उनकी कुछ लोकप्रिय फ़िल्में जैसे पिया का घर (1972), बातों बातों में (1979) सभी परिवारों के बीच रिश्तों के बारे में थीं, उन्होंने रजनीगंधा (1974), छोटी सी बात (1975) और प्रियतम (1977) जैसी फ़िल्में बना कर महिलाओं की बुद्धिमता का भी बखूबी चित्रण किया, एक रूका हुआ फ़ैसला (1986) जैसी फिल्मों में समाजिक और राजनीतिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर बेहतरीन निर्माण किया, सिडनी लुमेट के बारह एंग्री मेन और कमला की मौत (1989) का भारतीय रूपांतरण कर हिंदी फिल्म जगत को शानदार फ़िल्में दीं।